शनिवार, 25 जनवरी 2014

।भरतकूप की आदिवासी बस्ती में भारत का संविधान असहाय है



पहाड़ बचाओ जल श्रोत बहाओ  मिशन 

जनसुनवाई रिपोर्ट 
२५ जनवरी २०१४ 

सर्वोदय ग्राम बेड़ी पुलिया 

बुंदेलखंड के पहाड़ो जंगलो और जलश्रोतों के विचलित होने से से चित्रकूट सहित पूरे बुंदेलखंड की तस्वीर बदसूरत हुई है जिसके कारण सूखे जलश्रोतों के किनारे रहने वाले समुदाय,जंगलो  पहाड़ो को हँसाने  वाला आदिवासी समाज , बुंदेलखंड का किसान और किसान मजदूर अदि समुदायो के  परिवारो में बच्चो  महिलाओ और युवाओ की स्थित बहुत दयनीय है।युवा बेरोजगारी नशे से जूझ रहा है।खदानो और पत्थरो में काम करने वाले ,क्रेशरो के समीप रहने वालो में टी बी मरीजो की  बड़ी संख्या दिखती है। बड़ी संख्या में महिलाये किशोरोया एनीमिक है। नदियो के जल श्रोत सूखते जा रहे है। जंगल बड़ी संख्या में समाप्त हुवा है। आदिवासियो के पास आजीविका के सभी साधन समाज सरकार ने पिछले ६६ वर्षो से छीन लिया और इनको शिक्षित बनाने उदयमी बनाने के कोइ प्रयास नहीं किये गए। विवशता के कारण यह समाज जंगल कटाने पत्थर तोड़ने के पारम्परिक ज्ञान से आजीविका चला रहा है।यह जानकारिया  चित्रकूट के समाज से जुड़े समस्याग्रस्त समुदाय के प्रतिनिधियो ,किसानो व् सामाजिक पहरुवो  ने  गणतंत्र  दिवस के एक दिन पूर्व  २५ जनवरी २०१४ को पहाड़ बचाओ जल श्रोत बहाओ की पहली जनसुनवाई में में सामूहिक परिचर्चा का निस्कर्ष है ।इस जनसुनवाई में कुल ५०  लोगो ने भाग लिया। सम्मलित लोगो में सभी वर्ग जाति तथा विभिन्न  उद्द्यम् और कई तरह की आय  से जुड़े लोग थे। सम्मलित लोगो की श्रेणिया निम्न थी -
 अ - विद्द्यार्थी 
 ब -  किसान 
 स - मजदूर/आदिवासी /दलित  
 द -  राजनैतिक दल के प्रतिनिधि 
 य -  मिडिया 
 द - सामाजिक संघठन 
                                   सभी लोगो ने समूह चर्चा में निम्न मुद्दो को चिन्हित किया -
 १ पानी २ सड़क ३ जंगल ४ अस्पतालो से दवा न मिलाना तथा  ५ बिजली ६ पहाड़ो का समाप्त होना ७ नदियो का सुखाना ८ नदियो में गन्दगी और उनके बहाव क्षेत्र में निर्माण ९ यात्रियो का ट्रेनो की छतो में आना १० गरीबी रेखा के कार्ड गरीबो को न मिलाना ११ युवाओ में बेरोजगारी व् नशा १२  कुपोषण और टी बी के बढ़ते मरीज १३ पलायित -खदानो के किनारे वर्षो से रह रहे समाज को  सरकारी योजनाओ और लाभो से वंचित  रखना १४ खदानो के आस पास के जल;श्रोतो का सूखना और क्रेशर की धूल से फसलो का /मकानो का ढकना १५ क्रेशर की धूल से आस पास के समुदाय को परेशानिया १७ ऐतिहासिक प्राकृतिक धरोहरो का नष्ट होना।   
                                   श्री अभिमन्यु भाई ने मिशन अभियान पर किये  गये सम्पर्को के बारे में बताया। बुंदेलखंड में ईसाइयो के धर्म गुरु सम्मानित बिशप  झाँसी और ग्रामोदय  विद्द्यालय के कुलपति श्री एन सी गौतम के साथ हुई चर्चा से सभी के विचारो को बताया। पूर्व ग्राम विकास मंत्री के इस कार्यक्रम आने की बात की जानकारियो से अवगत कराते हुवे  जन सुनवाई को प्रारम्भ की। जनसुनवाई का संचालन अमित शुक्ला ने किया। 
                                   भरतकूप से श्यामा संतोष बलराम नारायण पुर अमिलिहपुरवा से रामस्वरूप नमो आर्मी के  शौरभ दुवेदी अनुज दुवेदी  मानवाधिकार से श्री अमित शुक्ला नगरपालिका से श्याम  गुप्ता बरगढ़ से अनिरुद्ध दुबे  नरेंद्र यादव ,हड़हा से मुकेश आदिवासी  भौटी से शिवनरेश आदिवासी महात्मा गांधी विश्व विद्य़ालय से श्री विनोद शंकर तथा सामाजिक चिंतक भालेंद्र सिंह और आजादी बचाओ आंदोलन के श्री राम धीरज भाई सहित करीब ५० लोगो ने अपनी भागीदारी की। 
                                                 

                                 सभी लोगो ने चित्रकूट की कुरूपता के अनुभवो पर अपनी बात और उदहारण रखे किन्तु भरत कूप की स्यामा ने जिन बातो को प्रस्तुतकिया वह आजाद भारत  की लोकतान्त्रिक व्यवस्था के 
सुशान नारे में बहुत बड़ी बाधा के रूप में दिखती है।भरतकूप की आदिवासी बस्ती में भारत का संविधान असहाय है ऐसा -----श्यामा की बातो से सभी को लगा। इस क्रम में सभी चिन्हित मुद्दो में से निम्न मुद्दो पर काम करने की प्राथिमिकताए तय की गयी -
१ -पर्यावरण सरक्षण 
२ - नदी पहाड़ तालाब बचाना 
३ - गरीबी 
४ - पंचायतो में सुशाशन स्थापना 
५ - सरकार मिडिया और पीड़ित समुदाय के बीच दिखने वाले वाले 
     संवैधानिक दूरियों की पहचान और सहभागी निवारण।  

                               सुनवाई के लिए अधिकृत महानुभाव डाक्टर विनोद शंकर सिंह तथा भाई राम धीरज 
जी ने उपरोक्त प्राथमिकताओ को करने के लिए आगामी कार्यक्रम निर्धारण में लोगो से जानकारी मांगी। सभी लोगो ने निम्न कार्यक्रम तय किये। सबसे मुख्य कार्यक्रम  भरत कूप की श्रीमती श्यामा आदिवासी द्वारा ३ फरवरी ०१४ को रोटी भाजी में आमंत्रण पर निर्धारित हुवे  -
१ - भरतकूप के आदिवासी श्यामा के समुदाय में जनसुनवाई तथा भौरी -मानिकपुर भरतकूप तक 
      जनसुनवाई के स्थल तिथिया निर्धारित करना।  
२ - समस्याग्रस्त समुदाय की पहचान और उनके मुद्दो में उनकी अगुवाई 
३-   समस्याग्रस्त समुदाय के बीच रोटी - बेटी अभियान चलना और कुपोषण बीमारी अशिक्षा पर 
      सरकारी कार्यक्रमो की समीक्षा कर उनको सक्रीय कराना। 
४ - चित्रकूट बनाओ अभियान चलना जिसमे विश्व विद्द्यालयो /विद्द्यालयो /सामाजिक संघठनो सरकारी 
      फोरमो को शामिल करना -
५ -  समुदाय को सामाजिक न्याय दिलाने वाले ,सरकारी फोरमो को सक्रीय करने वाले तथा सरकारी निरणयो 
       को लागू कराने वाले तथा पंचायतो की बैठके समय से गांव की भागीदारी से करने वाले सामाजिक लोगो          की पहचान और सम्मान दिलाना।  
सबसे अंत में श्री भालेंद्र सिंह जी  ने कार्क्रम की समीक्षा कर कहा -कि युवाओ की भागीदारी से जो निर्णय हुवे है वह चित्रकूट के निर्माण में प्रभावी होगे।  अंत में  संत श्री प्रभु गिरी उर्फ औगढ़ बाबा ने पहाड़ो को बचाने नदियो को बहाने वाले काम को ईश्वर का काम बताते हुवे कहा कि किसी से डरना नहीं भगवन आपके साथ है विजय मिलेगी।  

अभिमन्यु भाई 
सयोजक 
पहाड़ बचाओ मिशन 






कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें