सोमवार, 8 फ़रवरी 2016

विद्युत विभाग के ईमानदार उपभोक्ता बुंदेलखंड में चोर क्यों घोषित हो रहे है ?


                                                                   
सेवा में
श्री मान अध्यक्ष
Dakshinanchal Vidyut Vitran Nigam Ltd.
Urja Bhavan, NH - 2 (Agra - Delhi Bypass Road), Sikandra, Agra - 282 007
विषय -उपभोक्ताओं को ईमानदार बनाने और उनके सम्मान को स्थापित करने वाले प्रयासों के
          विचार करने के सम्बन्ध में -  
महोदय
         हम आपके प्रयासों को सम्मान देते है कि आप अपने कार्य क्षेत्र के सभी उपभोक्ताओं  तक सहज रूप से विद्द्युत पहुचाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में बड़ी तल्लीनता से लगे है। आपके सामने बिजली की  मांग और उपलब्धता के बीच बड़ी खाई सबसे बड़ी बाधा है।  जिसे बराबर में लाना एक राष्ट्रिय समस्या है। इसके बाद सबसे बड़ी समस्या है कि आपका उपभोक्ता सम्मान और स्वाभिमानी कैसे हो। क्योकि जीवन में बिजली --हवा पानी भोजन की तरह बिजली जीवन जीने का आधार बन गयी है ?
          उपभोक्ताओं के साथ आपके व्यापारी सम्बन्ध है। पूरे विश्व में मूल्य आधारित व्यवसाय किसी भी कम्पनी को बहुत उचाई पर लेजाता है। आप की कम्पनी सरकार द्वारा संचालित है अतः मालिकान  जब तक मूल्यवान नहीं होगे तब तक उसके पूरे तंत्र को मूल्यवान बनाने का स्वपन केवल धोखा ही है पर व्यक्तिगत तौर पर यदि  मूल्यवान पदाधिकारी चाहे तो वह कुछ कार्यो को मूल्यवान बनाने की क्षमता में जरूर रहता है। विद्युत वितरण निगम अपने उपभोक्ताओं को चोर क्यों समझाता है और ईमानदार उपभोक्ता भी कुछ दिन बाद चोर घोषित हो जाते है। कोई कम्पनी चोर उपभोक्ताओं के साथ कैसे ईमानदार रह सकती है ?मैंने चित्रकूट जनपद में बिजली चोरी अभियान में निम्न घटनाये देखीं।
 ६ फरवरी २०१६ को पुरानी बाजार कर्वी बिजली चेकिंग अभियान में दिखी घटनाये -
 घटाना -१
  दिनांक ७-फरवरी ०१६ को  करीब १२ बजे मै उप खंड अधिकारी कर्वी के कार्यालय अपनी
   माता जी की शिकायत लेकर गया था। मैंने अधिकारी महोदय से पूंछा मेरी माता जी के साथ
   विद्ध्युत विभाग की टीम ने गलत व्यौहार क्यों किया ?चेकिंग टीम को अपने उपभोक्ताओं के
   साथ कैसी भाषा का प्रयोग करना चाहिए तथा एक मानवीय आधार पर उपभोक्ता के साथ
   सहभागी  चेकिंग और उसी वक्त जो जैसा पाया उसका विवरण उपभोक्ता को प्राप्त कराने के
   कोई नियम है ? इस पर मैंने जानकारी मांगी कोई लिखित मैनुवल नहीं मिला।
   मैंने उप खंड अधिकारी कर्वी से निम्न प्रश्न पूछे -
   अ - स्वर्गीय अर्जुन सिंह के मकान की बिजली क्यों काटी ?
   बी - चेकिंग के दौरान मेरी माता जी का अपमान करने का अधिकार चेकिंग टीम ने क्यों किया।
   स - मेरी माता जी की अनुमति के बगैर दीवाल से मीटर बिना माताजी के प्रमाणित क्यों
         उतार गया ?चेकिंग टीम में गुंडे किस्म के हुड़दंगी लोग क्यों थे ?
   द -मकान में बिजली चोरी कब से हो रही है कितनी हो रही है इसकी जानकारी /नोटिस
      ततकाल और अभी तक क्यों नहीं दी -
  य - मेरी माँ को आपके अधिकारियो ने बिजली चोर कहा कोई बिजली चोरी की रिपोर्ट हो तो दे ?
            
          श्री अग्रवाल उपखण्ड अधिकारी कर्वी और जेई पटेल दोनों ने कहा कि क्या करे हमारे क्षेत्र में राम लखन उप खंड अधिकारी थे उनकी टीम गयी थी । उनकी रिपोर्ट मेरे पास अभी तक नहीं आयी है। आपके प्रश्नो का उत्तर वही दे सकते है। हम आपका कनेक्शन जुडवा देंगे यदि आप ४०००रुपये  प्रति किलोवाट की दर से १२ ००० सम्मन शुल्क जमा करदे बिजली जुड़ जायगी। मैंने कहा कि कोई रिपोर्ट हमें भी दे जिसमे मेरी माता जी ने अपराध किया है।उन्होंने कहा कि राम लखन जी ने कोई रिपोर्ट नहीं दी है मैंने कहा यह बड़ा अन्याय है कि रिपोर्ट दिखाए और दिए बगैर हमसे  रु १२००० जमा करा रहे है। मैंने उप खंड अधिकारी कर्वी का सम्मान करते हुवे धनराशि जमा करा दी और रसीद लेली। रसीद में रिपोर्ट का कोई जिक्र नहीं है ,कैसी व्यवस्था है ?
इस कनेक्शन में निम्न तथ्य बहुत महत्वपूर्ण है -
अ - १ माह पूर्व विभाग द्वारा नया मीटर लगाया गया था।
ब - इस मकान में  यदि  विद्युत चोरी यदि हो रही थी तो मीटर लगाने वाले ने मीटर लगाते समय क्या यह बताया कि -केबिल कटी है ? नया  मीटर लगते समय वर्तमान रीडिंग क्या है?और मीटर कैसा लगाया है। मीटर भी बिना बताये लगाकर चले गए। मीटर रीडर कई बार आये क्या उसने बताया कि आप का - यह काम चोरी है ? उपभोक्ता यदि कही गलत दिशा में है तो उसे नैतिक ईमानदार बनाने के तरीके विद्द्युत निगम के पास क्या है ?
घटना -२
              मेरे सामने सम्मानित उपभोक्ता कौसलेन्द्र आये उनका भी प्रकरण बिजली चोरी का था और वह १ किलोवाट के सम्मन शुल्क की जमा करने की बात कह रहे थे । कर्वी उप खंड अधिकारी का कहना था कि आप के  बिल में २ किलोवाट लिखा है।इन उपभोक्ता महोदय के मुद्दे पर पैरवी करने वाले दूसरे सर्किल के उपखण्ड अधिकारी के बीच बुरा वार्तालाप हुवा।
घटना न ३
             राम  लखन उप खंड अधिकारी की टीम ने ५ उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटे और तार उतरवाए उपखण्ड अधिकारी कार्यालय में उपभोक्ताओं और बिजली विभाग के बीच सामाजिक सेवक और घोषित दलाल आपस में चर्चा कर रहे थे कि अवैध उपभोक्ता ५ पकड़े गए और ४ उपभोक्ताओ को करीब ५०००० हजार रूपये लेकर छोड़ दिया और रुपये का बटवारा एक जे ई के घर किया और सम्मन शुल्क केवक १ उपभोक्ता से जमा कराया गया । राम लखन द्वारा दिनाक ६ फरवरी ०१६ को पुरानी बाजार में छापे मारे गए थे।

      आप उपरोक्त घटनाओ को प्रमाणित कराये। भ्रष्टाचार पर आपको कोई ठोस प्रमाण सायद मिले पर प्रक्रिया विहीन कार्यवाही और उपभोक्ता के साथ पारदर्शिता न रख कर अँधेरे में निर्णय लेकर उसे चोर बनाना और बड़े दंड के स्थान मे मामले को सुलटाने वाली वकालत कर्ताओ की भाषाए यह बताती है कि --सारी कवायत केवल उपभोक्ताओं को चोर सिद्ध करने और उसके बाद बड़ी धनराशि लेकर मामले को रफा दफा करने की है। इसी जगह आपसी सहमति का भ्र्ष्टाचार होता है -मध्यम वर्गीय गरीब आदमी बड़ी पेनल्टी से बचने के लिए एक ऐसा धन व्यक्तिगत रूप में अधिकारी के लिए दलालो द्वारा भिजवाता है जिसको देने में उसकी जान निकल जाती है। किस तरह पैसा का इंतजाम वह करता है --यह दर्द सत्ता में बैठे लोग अधिकारी और जनप्रतिनिधि नहीं जानते। बुंदेलखंड गरीबी से जूझ रहा है और जीवन जीने के लिए अपने जुगाड़ से जीवन लोग चला रहे है ऐसे में परिवारो की  गरीबी दूर करने के लिए कितने जुगाड़ से माध्यम वर्ग शहर में बेचैन है इसकी जलालत तो वही जनता है।
                   चित्रकूट के सम्मानित गरीब माध्यम वर्गीय नागरिक  बिजली चोर न बने इस पर उपभोक्ताओं  साथ सहभागी बात हो। इससे  सायद देश के नागरिक चोर न बनाने पाये। यदि नागरिक चोर है तो देश कैसे ईमानदार होगा।
समाधान के विकल्प
       १-वार्ड स्तर पर उपभोक्ताओं द्वारा नियुक्त -सम्मानित प्रतिनिधियों की पहचान और
          उनके साथ बिजली विभाग की प्रक्रिया -क्या है उसको समझाना उसका प्रचार प्रसार
         करे। चेकिंग का कार्य पारदर्शी और उपभोक्ता की गलतियों की सुधर का हो -तथा मोहल्ले
         वालो के साथ किया जाय।     ,
      २- विद्युत वितरण निगम का एक साफ उद्देश्य हो कि =
१- नागरिक बिजली चोर न कहलाये।
२- उपभोक्ता यदि जाने अनजाने में गलत है तो उसे सुधारने का मौका दे -और ईमानदारी के लिए उसे प्रोत्साहन दे।
३- उपभोक्ता की समस्याएं के समाधान में जटिलताएं समाप्त हो एक बार में निराकरण हो
   जाय।
मेरा मानना है की ७० % उपभोक्ता सम्मान के साथ बिजली उपभोक्ता कहलायेगा।
मुझे आशा है की मेरे इस पत्र पर विशेष जांच इसलिए करेंगे कि -विद्युत वितरण निगम मूल्य वान व्यवसाय अपने उपभोक्ताओं के बीच कुछ मूल्यों को अपना कर करेगा। अन्यथा जैसा करेंगे वैसा मिलेगा ?वैसे इस देश में यादव सिंह जैसे लोग ही सरकार में मान्य होते है। आपके हर अच्छे प्रयास में मै आपके साथ हूँ।
                        धन्यवाद

         
अभिमन्यु भाई
सामाजिक कार्यकर्ता
चित्रकूट
मोबाईल न ० ९४१५१४३०८२

प्रतिलिपि सूचनार्थ एवं आवशक कार्यवाही हेतु प्रेषित -
1- श्री आलोक रंजन जी मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन
2- श्री संजय अग्रवाल IAS अध्यक्ष UPPCL लखनऊ
3- श्रीमती नीलम अहलावत IAS जिलाधिकारी चित्रकूट
4  श्री  वेंकटशवर लू  IASआयुक्त चित्रकूट मंडल 
5 - समस्त सम्मानित चित्रकूट  मिडिया के मित्र।