मिशन
पहाड़ बचाओ -जलश्रोत बहाओ
आज दिनांक १८-१-०१४ दिन शनिवार को सर्वोदय सेवा आश्रम बड़ीपुलिया चित्रकूट मुख्यालय में सामाजिक कार्यकर्ता श्रवण कुमार की अध्यक्षता में पहाड़ बचाओ -जलश्रोत बहाओ मिशन के संचालन हेतु बैठक १ बजे प्रारम्भ हुई। बैठक का संचालन श्री राम नरेश जी ने किया। बैठक का एजेंडा सभी की स्वीकृत से निम्न था -
चर्चा के विषय
१- मिशन क्यों जरुरी है?
२- क्या करना है ?
३ -कैसे करना है ?
४ -कब करना है ?
५ -सम्पर्क --सूत्र /कार्यालय
६ - मिशन टीम की स्पस्टता
मिशन क्यों ?
इस पर श्री राम स्वरूप जी अभिमन्यु भाई ,अमित भाई ,श्रवण भाई भरतकूप के संतोष भाई व् रामनरेश भाई ने प्रभावित समस्यग्रस्त गाँवो के भ्रमण के बाद जो देखा उसे प्रस्तुत किया। अनुभवो के आधार पर निम्न ऐसे कारन चिन्हित किये गए जो मिशन के लक्ष्यों को रेखांकित करते है -
सभी ने बाधाओ को चिन्हित करते हुए ९५% लोगो की भावनाओ और समस्याओ के समाधान पर मिशन पर काम करने का वचन लिया।
१-चित्रकूट का पर्यावरण नष्ट हो रहा है।
२-चित्रकूट के नागरिको की पहचान चित्रकूट की प्रकृति छवि नष्ट होने से बिगड़ेगी।
३ -पहाड़ो के टूटने जंगल समाप्त होने व् तालाबो के पटाने तथा नदियो के किनारे पक्के निर्माणो से
जल का संकट समाज के सामने हर वर्ष खड़ा है।पर्यावरण अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं है।
४ -मंदाकनी सहित जिले की सभी नदिया २०११ में सूखी। मंदाकनी में जल श्रोत कम हो गए।
५ -मंदाकनी में शीवर गंदे नाले सीधे डाल दिए गए --सरयू तथा पयस्वनी जल धाराओ के बहाव क्षेत्र में अतिक्रमण और शौचालय लगा दिए गए है।
६ -खदानो में काम करने वालो का जीवन बहुत ही ख़राब है -उनकी कालोनियो में जीवन जीने के
लायक वातावरण नहीं है। बच्चे अपने अधिकारो से वंचित है।बीमारो के पास इलाज समस्या है
तथा गरीबो के पास बी पी एल कार्ड नहीं है ----टी बी जैसे रोगी बढ़ रहे है। .
७ - चित्रकूट के प्रति आस्था रखने वाले बुंदेलखंड /देश प्रदेश के लोगो की आस्था पहाड़ो नदियो में है,
तथा स्थानीय परम्पराए पहाड़ो और नदियो पर निर्भर है वह टूट रहे है ---सभी इससे दुखी है,
पहाड़ो को नष्ट करने के निरणय में समुदाय शामिल नहीं है --तथा आम जनता प्राकृतिक
धरोहरो का दोहन करने वालो के खिलाफ आवाज उठाने में डरती है। सरकारी लोग मूक है ?
मिशन क्रियान्वयन -
मिशन क्रियान्वयन पर सभी सदस्यो ने निम्न निर्णय समस्याग्रस्त समाज की समस्यावो को रेखांकित किया -
चित्रकूट की समस्याए तीन प्रकार के नागरिको से जुडी है -
१ -आस्था समाज -- यह समाज चित्रकूट को धार्मिक आस्थाओ से पूजता है जो चित्रकूट नागरिक
नहीं है। लाखो की संख्या में हर माह आता है.
२- चित्रकूट के नागरिक जो आस्था वाले तथा चित्रकूट से जिनकी पहचान है। औरंगजेब ने
चित्रकूट में मंदिर बनवाया --------सभी धार्मिक समुदाय प्राकृतिक रूप से हसता चित्रकूट चाहते
है।
३ - सामाजिक रुग्णता वाला समाज -यह समाज चित्रकूट ख़राब हो रहा है य खराब इससे मतलब
नहीं -इसे शाम की रोटी दे भगवान है ---यह पहाड़ तोड़ने और क्रेशरो खदानो के बीच जीवन
यापन करता है ---कोइ लकड़ी तोड़ कर।
उपरोक्त समाज में काम करने के लिए निम्न कार्यक्रम निर्धारित किये गए -
१ समस्याग्रस्त समाज में कार्य करने के लिए --समन्यक के रूप में श्रवण कुमार और राम नरेश भाई ने जिम्मेदारी ली। दिनांक २४ जनवरी ०१३ तक रुग्ण समाज के समुदायो में -रोटी बेटी की
समस्याओ को जांएगे ---और सामाजिक मुद्दो से जुड़े लोगो की पहचान करेगे।
२ -नागरिक समाज -चित्रकूट में निवास करने वाले नागरिको तथा संवैधानिक संस्थाओ के प्रतिनिधियो से समपर्क करने की जिम्मेदारी समन्वयक के रूप में अमित भाई और सुनील ने ली.
इस कार्य में भाई राम स्वरूप रहेंगे।
३ - आस्था समाज - चित्रकूट से बाहर के जिले जो बुंदेलखंड के है उनमे रहने वाले नागरिक संगठन
जो चित्रकूट पर आस्था रखते है उनसे संपर्क बनाने की जुम्मेदारी अभिमन्यु भाई को सौपी गयी।
आगामी बैठक दिनाक २५ जनवरी २०१३ को सर्वोदय सेवा आश्रम में होगी। मिशन में वर्तमान सदस्यो ने अपने पदाधिकारियो का चयन कर जिम्मेदारी बांटी -
संयोजक अभिमन्यु भाई
सह संयोजक अमित भाई
समन्वयक अमित भाई ,सुनील भाई ,श्रवण भाई राम स्वरुप भाई तथा राम नरेश भाई व्
अभिमन्यु भाई चुने गए।
कार्यालय प्रभारी राम स्वरुप भाई तथा राम नरेश भाई
मिडिया प्रभारी अमित भाई
संकल्प के साथ सभी ने विदा ली।
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