मंगलवार, 14 जनवरी 2014

                                                                                                                                





    चित्रकूट  चिंतन 

अवलोकित मुद्दे -
१- चित्रकूट के प्राकृतिक चित्र --हंसते चित्रकूट भरतकूप के  पहाड़ समाप्त हो रहे है  ,अविरल निर्मल सदा नीरा बहाने वाली मंदाकनी सूखने लगी है.
२- मंदाकनी के उद्गम स्थान से लेकर कर्वी तक इसके बहाव क्षेत्र में पक्के निर्माण जारी है,मंदाकनी को बहने में दिक्कत है -
३- मंदाकनी की २ सहायक पौराणिक नदियो को  रामघाट के पहले सरकार समाज ने मिल कर  मार दिया--इनमे अब सीवर बहाया जा रहा है. 
४- चित्रकूट में रहने वालो की पहचान पर  तथा चित्रकूट पर आस्था रखने वाले बुंदेलखंड व्  देश के करोडो लोगो की आस्था पर -आपदा दिख रही है .
५- निरंतर टूटने पीसने वाले पहाड़ो और सूखे जल श्रोतो के आसपास रहने वाले समुदायो में कुपोषण स्वांस के रोगी बढ़ रहे है -इलाज नियमित नहीं है तथा बड़ी संख्या में बच्चे और युवा नशे में लिप्त है आजीविका वाली शिक्षाओ का कोइ माहौल समुदाय में नहीं है .


सम्मानित नागरिको /मित्रो 
                                  मुझे आज भी स्कूल की प्रार्थना मेरा अंतह करन निर्मल करती है तथा मार्ग दर्शन देती है --जिसके परिणाम स्वरुप आपसे कुछ कहने की हिम्मत जुटा पा  रहा हू.-----------प्रार्थना की प्रेरणा दायक पंक्तिया  है --
                                                     वह शक्ति हमें दो  दया निधि कर्तव्य मार्ग पर डट जाये 
                                                     जिस देश जाती में जन्म लिया -बलिदान उसी पर हो जाये -
                                  हमारे और आप में बड़ा अंतर इसलिए अंतर नहीं दिखरहा चूकि आप भी उसी वेदना से दुखी है जिससे मै विचलित हू --इसीलिए आपसे कुछ कहने के लिए खड़ा हू.
दोस्तों 
                             अब चित चेती चित्रकूटहि चली ----------------


                             चित्रकूट हमारी पहचान है --------गर्व के साथ कहते है की हम चित्रकूट में रहते है इतना ही नहीं चित्रकूट पर आस्था रखने वाले देश के अन्य प्रांतो में रहने वाले लोग जब यह जानते है की हम चित्रकूट के है तो वह श्रद्धा से हमारे चरण  छूने लगते है --------कितने ऐसे है जिनकी भागवत लोग 
इस लिए सुनते है कि ----------चित्रकूट वासी है . किन्तु और परन्तु के बीच मै आपको झंझकोरने  की कोशिश इसलिए  कर रहा हू कि--आने वाले ५ वर्षो तक चित्रकूट के परम्परागत  निवासी आस्थावान लोग ------गहरी नींद में सोते रहेगे तब आपको पता चलेगा कि चित्रकूट विलुप्त हो गया .जिसे सरकारे क्या कोइ विज्ञानं   हमारी पहचान को वापस लौटा पायेगा .यानि पहाड़ो कि जगह मैदान होगे ------------मंदाकनी क्षेत्र में नाले इमारते होंगी --------------हमारे आपके बच्चे नसेड़ी होकर मल्टिनैशनल कम्पनियो और जनप्रतिनिधियो कि फैक्टरियों  और  ,क्रेशरो में गेटकीपर अथवा बन्दूक टांगने वाले होंगे . कभी कभी तो मुझे लगता है कि --हम लोगे से अच्छी बरगढ़ के पत्थरो में रहने वाली अनपढ़ आदिवासी महिलाये रानी सावित्री ,देवरती  है जिन्होंने एक जुट होकर जमीन के दलालो से लड़ाई लड़ --बजाज के  थर्मल पवार प्लांट को नहीं लगाने दिया- यह हम सभी के लिए प्रेरणा प्रद है .एक बात और विचारणीय है कि विश्वविद्यालयो कि भूमिका समाज में क्या है ???क्या इनका उपयोग समाज कर पर है या -इनके प्रयासो  स्थानीय युवको की सोच में स्वालम्बन स्थापित हुवा है --------बच्चे शारीरिक रूप से या मानसिक रूपसे विकलांग न   पैदा हो इस पर विश्विद्यालयों ने कोइ माडल खड़े किये है जो सीखने -अनुभवो को साझा  करने की  ताकत रखते हो.इनकी उपयोगिता क्यों नहीं बढ़ रही इस पर भी सोचना होगा।     
                               चित्रकूट की मिटटीयो  का मिलन -----------चित्रकूट को बचाने में आब प्रारम्भ करना होगा . आप जंहा भी है वाही से इस विषय को समझिये  और जो बन सकता है वह ---कीजिये . तभी आप चित्रकूट की  असली मिट्टी है .धर्म जाति की सीमाओ को त्याग कर चित्रकूट बचाने में जुटिए आप जंहा है वाही से नेतृत्व शरू कीजिये ---------देर अब ठीक नहीं क्योकि सूर्यकुंड  का पहाड़ हाँथ से जा चूका है . मै पूर्व  जिलाधिकारी श्री जग्गन्नाथ सिंह ,जी,साहित्यकार श्री  बलबीर सिंह ,पूर्व कुलपति ग्रामोदय विश्व  विद्द्यालय  श्री टी करुणाकरण ,  भाई रूद्र मिश्रा एडवोकेट सहित फेस बुक के मित्रो  का जिन्होंने  मुझे इस मुद्दे पर ---मार्गदर्शन  दिया .
                               इसी क्रम में चित्रकूट के विषय में सम्मानित नागरिको ने बैठके रखने का प्रस्ताव किया है जिनकी तिथिया निम्न है=
दिनांक                                                    स्थान                                               समय                                              जिम्मेदार महानुभाव 
१४ -१-०१४                                                सूर्य कुंड                                          १ बजे से                                                 राम नरेश वर्मा 
१५ -१ ०१४                                                पुरवा तरौहां                                     २ बजे से                                                  राम स्वरुप यादव 
यदि आप अपना ईमेल आई डी देंगे तो आपको बैठको की कार्यवाही आसानी से भेज देगे . 


आप अपने सुझाव निम्न पते पर देंगे बड़ी कृपा होगी .
bhaiabhimanyu@gmail.com 
किसी भी जानकारी के लिए निम्न फोन पर संपर्क कर सकते है -

9415143082 
आपका

अभिमन्यु भाई 

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