गुरुवार, 7 अप्रैल 2011

आदरणीय अन्ना जी ,
सकारात्मक अगुवाई के लिए आपको बहुत बहुत बधाई . इस सफलता के बाद आपको समाज भ्रस्टाचार के विरुद्ध  स्वयंम लड़ने की छमता बनाये पर अगुवाई करनी चाहिए. गाँव /ब्लाक /जिले स्तर के सामुदायिक संघठनो में शुद्धता लाने के लिए आपको आगे आना चाहिए. एक सामाजिक कार्यकर्त्ता के लिए किसी भी प्रकार की  कोई  सामाजिक   सुरक्छा का कोई ताना बना नहीं है. हमें लगता है कि समाज को दिशा देने वाले जो लोग थे उनको  तथा कथित प्रोफ्सनाल्स  ने   निरीह बना दिया है . यदि समाज में गलत व्यौहारो  की सहने छमता बढ रही है तो लोकपाल विधेयक क्या कर लेगा.आप जैसे मूल्यवान लोगो की उम्र और संख्या कितनी है . जब तक आप जैसे लोग होगे तबतक सायद लोकपाल संस्था अच्छी चले ?   मेरा अनुभव है की जनप्रतिनिधि और सरकारीप्रतिनिधि /  अधिकारी दोनों मिलकर ऐसा निर्णय लेते है जिसमे जनता के बीच काम करने वाले जनता के विस्वसनीय व्यक्ति न आने पाए बल्कि उन्ही की तरह के चाटुकार लोगो को ही अपनी कमेटियो में रखते है. मजबूत  विस्वसनीय स्थानीय  सामुदायिक संगठनों कमजोर बनाया गया ,   तोडा गया लेकिन जो संगठन राजनेतिक दलो के चाटुकार थे उनको आतंरिक मदद देना उन्हें पुरुष्कृत करना आदि तरीके है गाँव की योजना के पैसे लुटाने के . मनरेगा ,सूचना अधिकार दोनों को बहुत ही संगठित तरीके से बुंदेलखंड के मऊ  विकास खंड में निष्क्रिय देखा जा सकता है . मनरेगा की निगरानी समितियों में सक्रीय सी  बी ओ रखा ही नहीं गया . मनरेगा नदियों तालाबो के लिए लेकिन अधिकारी सडको में मनरेगा चाहते है. जनता में शुद्धता तभी आएगी जब जनप्रतिनिधि शुद्ध होगे. आज  भ्रस्टाचार  का परिणाम है  कि
बुन्देल खंड में कीमती नदिया सूख गयी है .   चित्रकूट  के लोगो ने अपनी दो नदिन्यो को सुखा कर गन्दा नाला बना दिया है.
सामाजिक कार्यकर्ताओ की कमी को पूरा करने उन्हें सामाजिक सम्मान उनकी सुर्कछा देने के प्रयासों में आपकी अगुवाई जरुरी है.
आपका
अभिमन्यु
संयोजक
बुन्देलखण्ड शांति सेना

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