बुधवार, 6 अप्रैल 2011

जिलाधिकारी ने कहा क़ि आप लोगो ने बड़ा काम किया है


गायत्री  शक्ति  पीठ  चित्रकूट   में चित्रकूट जनपद के जिला अधिकारी श्री दिलीप गुप्ता पीठ के प्रभारी श्री रामनारायण त्रिपाठी , चित्रकूट के सामाजिक  कार्यकर्त्ता  श्री नन्हे राजा , विकलांग  विश्वविदयालय के रजिस्ट्रार अवनीश मिश्र चित्रकूट नगरपालिका सभापति लक्छमी साहू ,वरिष्ठ  अधिवक्ता भालेंद्र सिंह   व् कर्वी विधायक दिनेश मिश्र दवारा ५ अप्रेल २०११ को   मृत नदी  सिंघस्रोत   को जीवित करने वाले  भागरथी राम बदन , सत्य  नारायण तथा सावित्री  को सम्मानित किया गया . रामबदन सावित्री आदिवासी है - जो पत्थर तोड़कर आपनी आजीविका चलते है . पहली बार अपने डी म  व् जनता के दवारा सम्मानित होना स्वप्न  मानते है .राम बदन ने नदी पुनर्जीवन की कहानी को सबके  सामने  रखा. सबसे कहा क़ि मनारेगा में गाँव क़ि बात नहीं मानी जाती.  नदी तालाब,में नरेगा नहीं लगाया जाता कैसे हम आदिवासियों जियेंगे  .हमारे पूरे बरगढ़ क़ि नदिन्यो के किनारे के पेड़ कटे जा रहे है . ऐसे में  नदियों में पानी कहा से आयेगा वन विभाग रोक क्यों नहीं लगता. पूरे बरगढ़ में पशुवो के लिए पानी अकाल की तरह है. कुंवो का पानी सूख  गया ,हैण्ड पम्प भी सूखते जा रहे है.      मनरेगा को गाँव की राय से चलाया जाय.जिलाधिकारी महोदय ने कहा क़ि मुझे एस  पी साहब ने बताया था आप लोगो  ने सूखी  नदी में पानी खोजा उसे जीवित कर  बड़ा काम किया है . हम आपके गाँव आएंगे.
                                       
यह रूपया हमारे बच्चो क़ि  पहचान  को नहीं  बचा सकता                        दिनाक ४ अपरैल से १३ अप्रेल २००११ तक सिंघा स्रोत में  गाँवो के लोगे ने   अनशन प्रारंभ कर दिया है .पहले दिन राम बदन सावित्री रानी मुन्नी सहित कई लोग अनशन में बैठे  . ५ अप्रेल  2001   को राम घाट  चित्रकूट में एक दिवसीय अनशन में  सावित्री सोमनाथ मुन्ना ब्बब्लू सहित कई लोगो ने अनशन किया .
राम घाट में एक दिवसीय उपवास क़ि समाप्ति पर नरेगा को भ्रष्टचार से मुक्त करने को लेकर  शाम ५ बजे गोष्ठी में  श्री राम नारायण त्रिपाठी श्री भालेंद्र सिंह संतोष सोनी श्री दया भाई सहित  कई लोगो ने जल भागिराथियो के सत्याग्रह पर परिचर्चा  की. परिचर्चा में सम्मलित होने वाले सभी महानुभावो का स्वागत शांति सैनिक बबलू ने किया.  
 रानी ने कहा क़ि वन पहाड़ नदी हमारे जीवन के अधर रहे है इन्ही के सहारे जीते थे आज सरकार और  जंगल के सोदगारो ने सब कुछ छीन लिया . हम लोग न तो पढ़े लिखे है नही कोई जमीदार है थोड़ी  जो जमीन है उसमे भी पत्थर है ,अब हमारी जमीनों में सरकार  बड़ी बड़ी फेक्टरी लगाती जा रही है जमीनों का अधिग्रण कर अधिक रूपया  में किया जा रहा है ,यह रूपया हमारी पहचान  को,हमारे बच्चो क़ि  पहचान  को नहीं  बचा सकता  .  लोगो को जमीन का  जो रूपया  मिला है वह शराब पीने में  जीप मोटर साईकिल खरीद कर बर्बाद हो चुके है . जमीन  बिक गयी लेकिन गाँव वालो का यह तक नहीं मालूम क़ि कौन  फेक्टरी लगा रहा है कौन   फैक्टरी लगा रहा फैक्टरी   कौन रूपया दे  रहा है. कोई रोजगार नहीं है .
सावित्री  ने कहा क़ि एक सहारा हमार मनरेगा था वह भी हम लोगो को मर्जी से नहीं चल रहा जो बी डी ओ साहब चाहेगे वही होगा . सेक्रेटरी जो कहेगे वह प्रधान जी करेंगे .
सत्यनारायण ने कहा क़ि सभी गाँवो में खुली बैठक सेक्रेटरी नहीं बुलाते चुपके चुपके रोजगार मित्र को मिलकर प्रस्ताव बनते है . समय पर मजदूरी पूरी नहीं मिल रही है . बैंक में जाओ वंहा अपमान मिलता है . बताओ कैसे जिंदगी चली. बच्चन का पेट भर भोजन समय पर महतारी नहीं  दे पा रही . का फायदा है नरेगा से .
श्री राम नारायण त्रिपाठी जी ने कहा क़ि सही  तरीका  यह है क़ि जिसकी समस्या है उसके साथ योजना बने उसे क्रियान्वयन  से ले कर  संचालन रखरखाव  में जिम्मेदारी दी जाय . स्थानीय सामुदायिक  संगठनों को  विस्व्श्नीय बना  जाय.  बाहर के संगठनों को न थोपा जाय .
गोष्ठी का समापन करते हुवे वरिष्ठ अधिवक्ता भालेंद्र जी ने कहा क़ि आन्ना  हजारे आज दिल्ली में अनशन में . सभी भ्रस्टाचार  से लड़ने के लिए संघठित हो जैसे  क़ि आज बरगढ़ के आदिवासी मिल कर आवाज उठा रहे है . मै इनका  समर्थन  करता हू.
अंत में शांति सैनिक बब्लू ने        छोटी  छोटी बातो पर विचार होना चाहिए. आदमी को आदमी से प्यार होना चाहिए के साथ गोष्ठी संपन्न हुई .
अभिमन्यु
बुंदेलखंड शांति सेना
चित्रकूट 

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