रविवार, 8 अक्तूबर 2023

चित्रकूट नदी से हिंसा बन्द हो

           
       चित्रकूट  नदी जनसुनवाई
1 अक्टूबर 2023 को चित्रकूट जनपद की जीवन रेखा पयस्वनी/मंदाकिनी नदी के पुनर्जीवन जीवन के लिए निरंतर नदी की आवाज को बड़ी बनाने वाले मंदाकिनी नदी समाज के चुनिंदा लोगों के साथ युवा और बच्चों ने राष्ट्रीय राजमार्ग मंदाकिनी नदी पुल के नीचे घाट में स्वच्छतांजली कार्यक्रम के तहत 1 घंटे श्रमदान कर मंदाकिनी नदी के किनारो को साफ कर और नदी स्वच्संछता का संदेश दिया ।
सभी ने एक स्वर से कहा कि
समाज और सरकार को नदी के साथ हिंसा बंद करनी चाहिए।

भारत के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी के द्वारा दिए गए स्वच्छतांजली कार्यक्रम का एक ही लक्ष्य था कि 
समाज के प्रत्येक नागरिक के अंदर स्वच्छता के प्रति रुचि पैदा हो और जीवन में स्वच्छता अच्छे अभ्यास प्रतिदिन स्थापित होता ताकि स्वच्छ आदतें धीरे  विकासित हो।
इस संदेश को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अभिमन्यु भाई ने समाज  और सरकार दोनों से अपील की कि जल स्रोतो के आसपास गंदगी करना सबसे बड़ा पाप और अपराध है।हम सारे लोगों ने  मिलकर अपनी नदी में सीवर नाले लगाए नदी को बांधा है । नदी के साथ हम सब लोगों ने मिलकर गंदा व्यवहार किया है। पानी बनाने की मशीन पहाड़ और जंगलों का दोहन जरूरत से ज्यादा किया। नदियों के किनारे घाटों को बनाते समय जो जल स्रोत नदी के किनारे निकल रहे थे उन्हें कंक्रीट की बोरियों से बंद किया। बरसात ने भी धीरे-धीरे मुंह मोड़ा। जिसका परिणाम था कि नदी के प्राकृतिक जल स्रोत बहुत कम हो गए और जो हैं उनके अंदर बहाने की गति बहुत धीमी 
हो गई। प्रकृति के साथ जो व्यवहार समाज और सरकार ने किया है। 
नदियों के साथ परंपरागत तरीके से अपनी गंदगी  नदी में डालने जो आदतें समाज में बनी हुई है उसका परिणाम है कि चित्रकूट के समाज ने और सरकारी विकास अवधारणा ने मन्दाकिनी पयस्वनी सरयू 
नदियों की हत्या कर दी है।
मंदाकिनी नदी मरी नहीं है उसकी हत्या हुई। हत्या के अपराधी सभी लोग हैं और सभी को अपने हिंसक व्यवहारों पर महात्मा गांधी के जन्म दिवस पर चिंतन करना चाहिए।
सामाजिक कार्यकर्ता चिकित्सक डॉक्टर सुरेश प्रसाद त्रिपाठी ने कहा कि 
राष्ट्रीय राजमार्ग बेडी पुलिया से मंदाकिनी नदी तक सड़क के दोनों किनारे नाले बनाए जा रहे हैं जो मंदाकिनी में डाले जाएंगे। 
वर्तमान में मंदाकिनी नदी जिसकी सांसें थोड़ी-थोड़ी चल रही है इस तरह से सरकारी नाले जब लगाए जाएंगे वह पूरी तरह मर जाएगी।
सभी लोगों ने स्वच्छतांजली कार्यक्रम समाप्त करने के बाद #नदीबचाओमार्च नदी घाट से प्रारंभ कर राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित नट बाबा समाप्त करते हुए वहां पर नदी जनसुनवाई की।
नदी जनसुनवाई में मुख्य रूप से 
कामदगिरि के महंत मदन गोपाल दास जी डॉ सुरेश प्रसाद  त्रिपाठी एडवोकेट रुद्र प्रसाद सामाजिक कार्यकर्ता कमलेश कुमार मंदाकिनी सेवक बच्चा श्रीमती पुष्पा सोनी श्रीमती कैलाशी नीलू देवी सुरेश अग्रवाल तथा मनोज द्विवेदी सहित दर्जन भर लोगों ने नदी के साथ हो रही सरकारी और सामाजिक हिंसा को रोकने के लिए सरकार से मांग की।
सभी ने निर्णय लिया कि आज की 
नदी से संबंधित मांगों का ज्ञापन उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी को जिलाधिकारी चित्रकूट के माध्यम से भेजा जाए और आज से ही नदी बचाओ यात्रा प्रारंभ करते हुए इसे तब तक चलना है जब तक की सरकार और समाज नदी के साथ हिंसा नहीं बंद कर देती। 
नदी सीमांकन के साथ जितने भी सीवर नाले हैं वह नदी से हटाते हुए नदी के संरक्षण का काम नदी समाज के हाथों सौंपने की बात सभी ने की।

दिनांक
चित्रकूट नदी समाज ने दिनांक 3 अक्टूबर 2023 को जिलाधिकारी चित्रकूट से मिलकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय आदित्य योगी आदित्यनाथ जी के नाम मंदाकिनी नदी पुनर्जीवन को लेकर 6 सूत्री मांग पत्र सौंपा। जिसमें पहली मांग थी कि राज मार्ग बेड़ी पुलिया से कर्वी की ओर सड़क के दोनों और बनाए जा रहे हैं जिनके मुंह मंदाकिनी नदी की और कर दिया गया है उन नालों को मंदाकिनी में जाने से रोका जाए।
अभिमन्यु भाई 
संयोजक
नदी बचाओ यात्रा


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