सोमवार, 10 सितंबर 2018

मन्दाकिनी नदी पुनर्जीवन यात्रा

चित्रकूट की सूखी मन्दाकिनी नदी
समाज के पुरुषार्थ से बही।
समाज से प्रार्थना  है कि-
तेरा तुझको अर्पित क्या लागे मेरा।
सांसो की माला मे 'बहता तेरा नाम --
समाज की माला समाज को अर्पित ---
पंच महाभूत ही तो परमेश्वर का स्वरूप है इनकी रक्षा
और संरक्षण लिए लिए कोई भी निस्वार्थ रूप से
अंश भर लग जाय तो वह माला पहना देता है --'
सच हमने कोई बडा काम नही किया काम
तो जल भागीरथीयो  और जिले के जिलाधिकारी और उनकी टीम ने किया !!!!
चित्रकूट जनपद की मीडिया को भी समर्पित है जिन्होंने
नदी पुनर्जीवन विचार को समझा  और निस्वार्थ
समाज मे बोया ।चित्रकूट के वह सभी जनप्रतिनिधि राजनैतिक दलो के प्रतिनिधि को भी समर्पित है-
जिन्होने  इस विचार को स्वीकार कि माता मंदाकिनी नदी पुनर्जीवन जरूरी है और नदी को पेय जल नदी के रूप मे मान्यता जरूरी है।
यह माला चित्रकूट के
जिलाधिकारी श्री विसाक जी को विशेष समर्पित जिन्होंने नदी पुनर्जीवन के काम मे लगी टीम की प्रगति को हर पर प्रोत्साहित किया और एक माह के अन्दर समाज
ने सूखी नदी बहने लगी।
यह माला सरकारी  टीम तथा ग्राम पंचायतो के प्रधानो तथा वहां के समाज -को भी समर्पित जिनके सबके प्रयास से सूखी नदी बहने लगी ।
हम उन सभी भागीरथीयो की वन्दना करते है जिन्होने   नदी को अपने श्रम से सहेजा उसके ऊपर की मिट्टी निकाली और जल धाराओ को प्रेम से अभिसिचित कर बहने के लिए  रास्ता बनाया ।
सुखे मरुस्थल मे जब जल धारा बहने लगी तब न जाने कितने जीवो ने अपनी प्यास बडी सहजता से बुझाई ।
न जाने कितने पशु पक्षी दूर दूर से आकर अपनी प्यास बुझा रहे थे ।इससे बडा परिणाम क्या हो सकता है।
सबसे राहत उन माताओ बहनो बेटियो को हुई जिनके परिवार की आजीविका केवल पशुओ पर है और उनके लिए प्रतिदिन सुबह से रात तक पानी खोजने का काम करना पडता था ।
आज उनके पशुओं को पर्याप्त पानी है।
यह माला उनको भी समर्पित है
जिन्होने नदी संवाद नदी श्रमदान नदी उपवास  मे दिल से सहभाग किया और वह भी
जिन्होने नदी शांति यात्रा मे दिल से भागीदारी दी।
वह तपती धरा मे तब तक चले जबतक गंतव्य नही मिला। वह सभी महानुभाव जैसे -आदित्य सुनील गर्ग , Vinay Kumar Singh Saurabh Dwivedi Chandra Prakash Khare Ramanand Prajapati Hemraj Kashyap  Jugnu Khan प्रधान मकरी शीतल जयसवाल तथा प्रधान सगवारा भटरी पनौटी तथा महुवा के साथ पूर्व ब्लाक प्रमुख  रूद्र देव सिह तथा सरधुवा के लाल बहादुर सिंह वैश्य  ने नदी संवाद नदी श्रमददान और नदी उपवास  मे बडी सहभागिता दी ।
भाई रामनरेश ,राम स्वरूप संत शिवबरण लाल प्रगय डाक्टर नागेन्द्र जी नदी शांति  यात्रा  मे चले और बीमार होने के बाद भी लगे रहे।
यह माला चित्रकूट के ख्यात प्राप्त बाल चिकित्सक  श्री
 Suresh Prasad Tripathi जी को समर्पित जिन्होने
मकरी जाकर नदी सत्संग मे सुना और अपनी बात ही नही रखी बल्कि शांति  सैनिको को फर्स्ट  एड बाक्स भी दिया कि यात्रा मे सैनिको  को कोई दिक्कत न हो ।
यह माला नदी समाज के महान लोगो को भी समर्पित जिन्होने यात्रीयो को प्रेम का भोजन दिया  और अपनी नदी के साथ संवाद कर नदी के साथ अपने खराब व्यवहार पर प्रायश्चित किया और अच्छे व्यवहार के लिए  संकल्प लिया ।
यह माला उन सभी महानुभाव  और संतो के लिए समर्पित है जो नदी पुनर्जीवन के लिए  इसे अविरल निर्मल बनाए रखने के लिए लगातार लगे है ।
हमारा सभी से विनम्र निवेदन है कि सभी नदी प्रेमी
अपने भेद भाव को समाप्त कर इस माला की तरह
एक हो कर नदी की आजादी के लिए और इसे अपने पुरुषार्थ से अविरल निर्मल बनाने के लिए
लग जाए और माला की तरह सुन्दर दिखे।
नदी पुनर्जीवन मे समाज के साथ दिल से लगे है यही प्रार्थना है।
अभिमन्यु भाई

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