गुरुवार, 5 जून 2014

नदी जागरण यात्रा रिपोर्ट




नेवादा -से शांति सैनिको की बात -
नदी जागरण यात्रा नेवादा गांव ५ जून २०१४ को १२ बजे  पहुंची -शांति सैनिको ने बताया कि धूप कड़ी थी तथा ऐसा लग रहा था कि सूरज आग बरसा रहा है। इस धूप और गरमी को छोड़ महिलाये बच्चो ने बड़ी संख्या में बैठक में सम्मलित हुवे। बड़े ध्यान से अपनी नदी की चर्चा सुनी। महिलाओ  ने कहा कि मनरेगा में काम करने से क्या फायदा --मजदूरी नहीं मिलती। फूल कली शुषमा श्यामा देवी ने बताया कि कई लोगो को पिछले कामो की मजदूरी नहीं मिली। हम गरीब मजदूर लोग है। आटा बड़ा महंगा है। १०० रुपए में कुछ नहीं होता --फिर समय से न मिले तो परिवार में भुखमरी आजाती है। पिछले बार नदी पर काम केवल सत्यनारायण नगर में थोड़ा कराया गया। इधर हमारे गांव में नदी खुदी ही नहीं। हम नदी खोदना चाहते है पर मजदूरी समय से मिले। नदी जंगलो के विकास पर कोई बात नहीं करता। गांव में आग लगाती है तो बुझाने के लिए पानी तक नहीं है -हैण्ड पम्पो से पानी निकालना और आग बुझाना बड़ा कठिन है --अपने पिछले अनुभवों पर चर्चा की -मिठाई लाल और सियाराम ने कहा कि नदी जैसे पहले बहती थी उसे वैसा बनाने में हम अकेले कुछ नहीं कर सकते जबतक समाज और सरकार दोनों आगे नहीं आते। गांव में एक कुंवा तक नहीं है। यदि कुंवा हो जाय तो आग बुझाने में मदद मिलेगी। सभी महिलाओ ने कहा कि नदी जागरण यज्ञ में हम सब ८ जून को पहुचेगे।  



अभिमन्यु भाई 
सयोजक 



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