बुधवार, 4 जून 2014

नदी सत्याग्रह में सम्मलित होने का आमंत्रण पत्र

सूखी /बदबू दार नदियों को अविरल निर्मल बनाने 
जल -जोड़ो जन जोड़ो की सक्रियता पर पहल 




भारत के  प्रिय नागरिको /दोस्तों 
आज ५ जून ०१४  पर्यावरण दिवस है.खास दिन पर खास बात ही नहीं खास काम भी शुरू हो --इस विचार पर यह पत्र आपको सादर लिख रहे है। आपका चिंतन ही हमारे चिंतन को ताकत देगा। 
ऐसा लगता है की हमारी सूखी /सूखती बदबू दार नदियों और उससे जुड़े समाज के अच्छे दिन आने के संकेत मिल रहे है -यानि सरकार और समाज दोनों के चिंतन की दिशा एक दिख रही है किन्तु ऐसे कामो में सरकार की दशा ठीक नहीं है। अब गेंद हमारे पाले में है। समाज के सभी भगीरथियो को एक जुट होकर जो जन्हा है वह वही से नदी सत्याग्रह में सम्मलित होकर निम्न मांगो में जो स्वीकार है उसे लेकर समाज -युवाओ  के साथ अपने जल श्रोतो की सफाई और खुदाई के कामो को 
श्रमदान आयोजन के साथ शुरू करे।  यही प्रार्थना है। - जल जोड़ो- जन जोड़ो अभियान के उपक्रम में है - बरगढ़ के शांति सैनिको ने सिंघश्रोत नदी की अधूरी कहानी को पूरा करने तथा चित्रकूट की  नदियों को अविरल निर्मल बनाने हेतु नदी सत्याग्रह के प्रथम चरण में २ दिवसीय नदी जागरण यात्रा प्रातः १० बजे से प्रारम्भ हो चुकी है।  इसी प्रकार मंदाकनी नदी के सूर्य कुण्ड में महराज जी और पूर्व प्रधान राम स्वरूप जी के द्वारा मंदाकनी नदी  में श्रमदान में  आज १२ बजे आयोजित किया जाना है।बरगढ़ शांति सैनिको के  नदी सत्याग्रह के कार्यक्रम में आप सादरआमंत्रित है। 
सिंघाश्रोत की  अधूरी कहानी क्या -
२०११ में सिंघाश्रोत जल श्रोत पहली बार सूखा -इसी क्रम में बुंदेलखंड की सभी नदियाँ पहली बार लम्बी दुरी तक सूखी - सिंघाश्रोत नदी के किनारे की महिलाये तथा पशु पानी के लिए परेशान। सूखा होने के कारण खेतो से बीज तक घरो में नहीं आया था -घरो में भोजन की समस्या -तथा ग्राम पंचायत में किसी प्रकार का काम नहीं। पंचायत और अधिकारीयो ने सड़क बनाने की योजना मनरेगा से पास की थी किन्तु गांव का समाज --तालाबों और नदी के कामो को चाहता था। सूखी नदी को जगाने की कहानी गाँवो में सुनाई गयी -गांव की कुछ महिलाओ ने सिंघा श्रोत नदी में श्रमदान से नदी की सफाई और पेड़ो की रक्षा के काम शुरू कर दिए। एक सप्ताह के अंदर नदी के श्रोतो से पानी बहने लगा - भाई राम बदन ,रानी सावित्री सहित कई महिलाओ ने नदी में किये गए श्रम दान को मनरेगा में जोड़ने और मनरेगा के द्वारा नदी की सफाई तथा कम दूरी में बने चेकडैम को समाप्त करने के लिए आवाज उठाई -होली में आत्मदाह की धमकी दी तथा अनशन किये। इसी क्रम में तत्कालीन जिलाधिकारी चित्रकूट भी मंदाकनी नदी सहित सभी नदियों के सूखने की समस्या से परेशान थे। सूखी नदी गांव के लोगो ने बहा दी - इसे उन्होंने पूर्व आई एस एस श्री कमल टावरी के साथ देखा इतना ही नहीं तत्कालीन पुलिस कप्तान तथा ब्लाक प्रमुख और पूर्व सांसद श्यामा चरण ने नदी खुदाई में श्रम दान किये - सिंघाश्रोत के भगीरथियो ने मंदाकनी नदी के तट पर मंदाकनी की रक्षा तथा मनरेगा में दिखने वाले भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए अनशन भी किये जिसमे चित्रकूट गायत्री पीठ के प्रमुख श्री राम नारायण त्रिपाठी ,समाज के चिंतक श्री भालेंद्र सिंह तथा वर्तमान कुलपति प्रो पाण्डेय जी द्वारा  सिंघाश्रोत के भगीरथियो को गायत्री पीठ में सम्मानित किया गया और जिलाधिकारी ने जल समस्या के समाधान के लिए नदियों की सफाई मनरेगा से कराइ जाय इसके आदेश जारी किये गए। जल पुरुष राजेंद्र सिंह ,गंगा सेवक डाक्टर जी डी अग्रवाल ने  सिंघाश्रोत के भगीरथियो के काम नदी में जाकर देखा। गाँवो वालो को इस बात का बहुत दुःख था कि उनके बहुत बुलाने के बाद  उनके बीच के विधायक तथा वर्तमान ग्राम विकास मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार कभी नहीं आये। बीडीओ ने केवल ५०० मीटर तक नदी सफाई का काम स्वीकृत किया इसके बाद से आज तक कोई कार्य नदी सफाई का नहीं हुवा -इस बात का गांव वालो को  कष्ट है। भाई राम बदन कहते कि वोट लेने तक सब सेवक दिखते वोट के बाद तो हम रिरियाते है जनप्रतिनिधि खोजते है -वह मिलते है जो अधिकारी कहता हमारे जनप्रतिनिधि उसे मान लेते है --यही लोकतंत्र है।
बरगढ़ के शांति सैनिको की मांगे -
शांति सैनिक निम्न मांगों के साथ नदी सत्याग्रह ५ जून २०१४ से प्रारम्भ करने जा रहे है-
१ -  बुंदेलखंड की  नदियों तालाबों में लोकतंत्र स्थापित हो तथा उनकी सफाई के काम मनरेगा 
       से कराया जाय तथा ५ वर्षो तक के जबकार्ड और मजदूरो के मूल्यांकन के आधार पर 
       नए जॉब कार्ड जारी किये जाय। फर्जी जॉब कार्डो की पहचान असली मजदूरो से कराये।  
२ -  बुंदेलखंड की खोई सूखी नदियों को नाम दिया जाय उन पर अवैध कब्जे हटाये जाये। 
३-   बुंदेलखंड के प्रत्येक जल श्रोत /नदी का सीमांकन जल उसका नियमित उपयोग करने वाले 
      समाज के साथ कराया जाय। सीमांकन /नदी शरीर में किये गए पक्के निर्माण को हटाया जाय 
      तथा रोक लगाई जाय। 
४-   नदियों में सभी प्रकार की गन्दगी जो सरकार द्वारा प्रायोजित है उसे समाप्त किया जाय। 
५ -  नदियों /पानी /जंगलो के विकास की योजनाये जैसे -सीवर ,सुंदरीकरण, जायका परियोजना ,
      बुंदेलखंड सूखा पैकेज आदि की समीक्षा की जाय तथा जल श्रोतो के नियमित उपयोग करने 
      वाले समाज की समझ विकसित कर उनकी सहभागिता से परियोजनाएं बनाई जाय। 
६ -  प्राकृतिक दोहन की सीमा /मात्रा  ग्राम  पंचायत -समाज तथा सरकारी विभाग मिलकर तय करे       और खनिज विभाग जल  समाज और ग्राम पंचायत के निर्णयों के आधार पर खनिज पटटे दिए 
      जाय -तथा गांव स्तर पर निगरानी समिति बनाई जाय। 
७-   गाँवो स्तर पर खनिज के कामो पर आश्रित गरीब परिवारो के जीवन स्तर का मूल्यांकन     
      कराते हुवे गरीबी के सभी कार्ड दिए जाय और सरकार के द्वारा अब तक दिए गए लाभो 
      का मापन कराते हुवे लम्बे समय से मजदूरी न पाने वालो,सरकारी लाभो से वंचित परिवारो तथा       टी बी /दमे और खून की कमी से जूझ रही महिलाओ बच्चो तथा पिछले तीन वर्षो में मरे                 नवजात बच्चो /माताओ की पहचान कारण व् समाधान सामुदायिक संघठनो जैसे
      बाल रक्षा समिति ,युवा /बाल संसद /किसान क्लब /महिला मंडल अथवा समुदाय बैठको से              कराइ जाय। 
८ - खनिज के कामो से ऊबे तथा खनिज के कामो को कम करने वाले प्रयासों से मजदूरी से वंचित 
     होने वाले परिवारो /समुदाय के लिए आजीविका के लिए नए अवसर चिन्हित किये जाय। 
९ - खनिज से होने वाली आय ग्राम सभा में जमा कराइ जाय तथा गांव सभा को ४०% आय गांव 
     के बच्चो के निर्माण व्  विकास में खर्च करने के अधिकार दिए जाय और ग्राम सचिव गैर       
     सरकारी और गांव के लिए समर्पित योग्य व्यक्ति नामित हो। -
     नदी सत्याग्रह के निम्न कार्यक्रम में आप सादर आमंत्रित है -
   
  अ -   नदी जागरण यात्रा         गुइंया स्थित - झलरी बाबा प्रारम्भ से दिनाक ५ जून ०१४ को 
                                           प्रातः १० बजे से -समाप्त ७ जून ०१४ 
  ब -    नदी जागरण यज्ञ          गंगा दशहरा ८ जून ओ १४  को सिंघाश्रोत नदी तट पर प्रातः १० बजे                                            से १२ बजे  तक -
  स -   सामूहिक उपवास           गंगा दशहरा ८ जून ओ १४  को सिंघाश्रोत नदी तट पर प्रातः १० बजे                                            से शाम ५  बजे  तक 
  द -    नदी खुदाई श्रम दान -    गंगा दशहरा ८ जून ओ १४  को सिंघाश्रोत नदी में  पर प्रातः १० बजे
                                           आगामी एक सप्ताह से -प्रतिदिन प्रातः ७ बजे से १० बजे तक -

आप निम्न टेलीफोन में सूचनाये प्राप्त कर सकते है।  इस पुनीत काम में आपकी सहभागिता से आने वाली पीढ़ी के लिए -सुंदर हंसती नदिया हँसते जंगल और पोषित रूचि वाला भोजन देने के अवसर उपलब्ध होगे। आइये अच्छे दिन लाने में सम्मलित हो। 
अभिमन्यु भाई 
बुंदेलखंड शांति सेना 

श्री संतोष सोनी -  बरगढ़ शान्ति सेना -----९९१९२३०१३३ 
श्री अशोक सरवडे  बरगढ़ शान्ति सेना---   ९९१८८८१३६३ 
श्री अनरुद्ध दुबे      बरगढ़ शान्ति सेना       ८७३७९८२०२४    
श्री शिव नरेश        बरगढ़ शान्ति सेना      ८७९५७१०९५८ 




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