बुधवार, 14 मई 2025

चित्रकूट नदी शरीर बचाओ पर घटित घटना रिपोर्ट-

चित्रकूट नदी सत्याग्रह धरना
स्थल पर घटित घटना की विशेष रिपोर्टर          ******************************

#पयस्वनी नदी शरीर बचाओ तथा अविरल स्वच्छ पयस्वनी/मंदाकिनी बनाने के अभियान को लेकर नदी सत्याग्रह धरना पयस्वनी नदी तट राजा घाट स्थल पर 11 फरवरी 2025 से शुरू है। 



दिनांक 14 मई 2025 को  धरना स्थल पर विशेष घटना चित्रकूट जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक गुप्ता द्वारा घटित की गयी।जिसकी रिपोर्ट निम्न हैं।                                                

घटना                                                ********

चित्रकूट #नदीबिरादरी द्वारा चलाया जा रहे नदी सत्याग्रह धरना स्थल पर  निर्धारित समय सीमा के क्रम में नदी बिरादरी जल प्रहरी अभिमन्यु भाई शाम 5:00 बजे पहुंचे। उन्होंने देखा कि बाउंड्री के बगल से लेकर हटाए गए सीवर टैंक तक जो  मिट्टी/ सिल्ट #नदीबेड के ऊपर 20 साल से जो हो चुकी थी उसे नगर पालिका के घाट सुंदरीकरण कार्यक्रम के तहत उनके ठेकेदारों ने नदी में खुदाई करा कर 13 अप्रैल 2025 तक सिल्ट हटाने का काम शुरू कर दिया था। #नदीबहाव क्षेत्र में खुदाई के दौरान जो गड्ढे बने थे ,उनमें से जो गड्ढे बाउंड्री के किनारे ठेकेदार ने बनाए थे उन गड्ढों को ठेकेदारों द्वारा पुनः भर दिया गया। ठेकेदारों ने बताया कि आज 14 मई 2025 की  सुबह दो पुलिस वालों को लेकर श्री अशोक गुप्ता आए थे और उन्होंने नदी खुदाई क्षेत्र को अपनी भूमिधरी बताया ।                                                  ठेकेदारों के प्रतिनिधि ने बताया कि नगर पालिका से हमें कोई अभी तक इस पर जानकारी नहीं दी  कि जिस जगह जगह हम घाट बना रहे हैं वह किसकी जमीन है!वह हम लोगों को धमकाने लगे। इसलिए हमारे द्वारा उनकी भूमिधरी में मिट्टी हटाने के जो काम किये  थे उसको हमने फिर से मिट्टी भर के उनको संतुष्ट किया ताकि उनकी बाउंड्री के बगल की उनकी हटाई गई  मिट्टी वापस हो जाए।                                                              ठेकेदार ने कहा कि हम लोग #ठेकेदार हैं और अभी तक इस घाट के निर्माण को लेकर सबसे अधिक समस्या से हम जूझ रहे हैं हम किसी से शिकायत नहीं कर सकते। कई बार इसकी डिजाइन बदली गई। अभी तक फाइनल डिज़ाइन नहीं मिली।अब सवाल नदी के भूमिधरी के हैं।। श्री गुप्ता जी ने जहां से हमें बता दिया अब हम वहीं से काम कर रहे हैं।

करीब 5:30 के आसपास नदी घाट चित्रकूट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री अशोक गुप्ता पहुंचे।धरना में बैठे नदी सत्याग्रह जल प्रहरी अभिमन्यु भाई से कहा कि - मेरी बाउंड्री
के किनारे की मिट्टी आप लोगों ने क्यों हटवाई ।नगर पालिका के अधिकारियों ने, कर्मचारियों ने मुझे बताया है  कि आप,डॉ सुरेश त्रिपाठी, मनोज द्विवेदी लोगों ने नगर पालिका में मेरी बाउंड्री गिरने के लिए लिख कर दिया है।

अभिमन्यु भाई ने कहा कि गुप्ता जी आप अपने #ज्ञान को दुरुस्त कीजिए। नदी बिरादरी की ओर से मंदाकिनी नदी पुनर्जीवन अभियान की ओर से , चित्रकूट विरासत संरक्षण अभियान की ओर से नगर पालिका द्वारा नदी के बहाव क्षेत्र में जो घाट बनाया जा रहा था उस बहाव क्षेत्र को बचाने के लिए और नगर पालिका के द्वारा बनाए गये सीवर व टैंक को हटाने के लिए
सबसे पहले नगर पालिका अध्यक्ष नरेन्द्र गुप्ता  से #संवाद किया गया ।उनके द्वारा जब यह कहा गया कि
नगर पालिका द्वारा घाट के लिए जो प्रस्ताव पारित कर दिया गया है उसको हम बदल नहीं सकते तथा सीवर टैंक शब्द पर उन्होंने आपत्ति जताई और कहा कि
यह जल शोधन  टैंक है।

संवाद के द्वारा जब बात नहीं बनी तब #नदीबिरादरी के जल प्रहरियों ने सरकार से नदी बचाने के लिए नदी संरक्षण कानून के तहत पत्राचार किये।
सभी पत्राचार में #मुद्दा नदी बचाने का था आपकी बाउंड्री का विषय उसमें कहीं नहीं है। सरकार के पत्राचार के बाद श्री नरेंद्र गुप्ता ने इच्छा
जाहिर की कि नदी बिरादरी के सदस्यों के साथ नदी के किनारे संवाद करेंगे और देखने के बाद निर्णय लेंगे।

दिनांक को नदी बिरादरी द्वारा #नदीजनसुनवाई
आयोजित की गई। नगर पालिका अध्यक्ष नरेंद्र गुप्ता पूर्व सांसद Bhairon Prasad Mishra  आए और उन्होंने नदी बिरादरी के द्वारा नदी बहाव क्षेत्र में बनाए जा रहे घाट के का निर्माण नदी की #हत्या बताया और घाट के बगल में राजा कॉलोनी का सीवर टैंक प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण बताया। यहीं से पूरे चित्रकूट नगर पालिका की #पेयजल आपूर्ति है।
पूर्व सांसद भैरव प्रसाद मिश्र ने कहा कि मांग जायज है। इसके बाद नगर पालिका अध्यक्ष नरेंद्र गुप्ता ने अपने अधिकारों के तहत निर्णय लिया कि पुराने घाट से नदी की ओर जो घाट बनाए जाने वाला है अब नहीं बनाया जाएगा अब बाउंड्री से लेकर इंटेकवेल की तरफ घाट बनाया जाएगा उन्होंने कहा  कि
यह जो बाउंड्री बनी है इस बाउंड्री के कारण नदी में #सिल्ट जमा हुईं नगर पालिका के द्वारा जो यह टैंक नदी के किनारे बनाया गया इन दोनों के कारण नदी में बहुत ही मिट्टी जमा है हम लोग बाउंड्री से लेकर घाट तक जितनी मिट्टी है सब हटाएंगे।
इस निर्णय के अनुसार नगर पालिका काम कर
रही है।
नगर पालिका के काम को अधिशासी अभियंता #सिंचाई विभाग ने माना है कि नगर पालिका ने नदी में घाट बनाने  किसी भी प्रकार की स्वीकृति सिंचाई विभाग से नहीं ली। नदी के संरक्षण का काम सिंचाई विभाग करता है।

श्री अशोक गुप्ता यह सब सुनकर और
#उत्तेजित हो गए और उन्होंने कहा कि नदी सत्याग्रह धरना मेरी #भूमिधरी पर क्यों चल रहा है।
मेरी भूमि धरी पर तथा मेरे गेट के सामने नदी सत्याग्रह क्यों लिखाया गया। मेरी #भूमिधरी में यहां सब #गां--मराने क्यों आते हैं । उन्होंने कहा कि आप जानते हैं कि मैंने कई #नेताओं के ऊपर मुकदमा ठोक दिया है आप सभी सत्याग्रही पर मुकदमा ठोक दूंगा।

कल नदी सत्याग्रह धरना स्थल पर
चित्रकूट #बारएसोसिएशन के अध्यक्ष श्री अशोक गुप्ता भाई का #ब्लडप्रेशर लगता है बड़ा हाई हो चुका था!
उनके साथ उनका एक मोटा सा सहयोगी भी उनको गलत बात करने से रोक रहा था। मैंने उन्हें बड़े प्रेम से समझाया कि सबसे पहले आप #सम्मान के साथ बात कीजिए। #जानकारी लीजिए #सत्य जानिए इसके बाद आप कोई बात आगे बढ़ाएं। जहां तक #मुकदमे का सवाल है हम आपको #स्वतंत्र करते हैं कि आप हम लोगों पर मुकदमा ठोक दीजिए।
जहां तक सवाल है नदी का सारा बहाव क्षेत्र और बाढ़ बिंदु आपकी भूमिधरी है यह आज तक किसी को नहीं मालूम ।आपकी बाउंड्री के अंदर का क्षेत्र हम लोग आपका मानते हैं क्योंकि सरकार ने इस बाउंड्री को बनाने की अनुमति दी है और #सरकार ने इस #भूमि में आपका नाम चढ़ाया है।लेकिन बाउंड्री के बाहर आपकी भूमिधरी इस बात का ना तो कोई बोर्ड घाट में लगा है और ना ही सरकार ने रोक-टोक की है।
समाज यहां पर हजारों साल से घाट में आता है और नदी के साथ उसके जो जन्म से लेकर मरण के संस्कार हैं उनको घाट में क्रियान्वित
करता है।हम लोग बचपन से इसे इमली घाट या राजा घाट के नाम से जानते थे। इसी दाहिने हाथ पर चोर घाट है और बाएं हाथ पर नाव घाट।उन्होंने कहा कि घाट का नाम अशोक घाट होना चाहिए। मैंने कहा कि पर मुझे कोई आपत्ति नहीं है जो जनश्रुति है उसके अनुसार घाट का नाम है। उन्होंने कहा कि मैंने यहां पर घाट बनाया था और इस घाट में एक चाय वाला जो आता था वह मुझे सीमेंट लेता था और मेरे ही दरवाजे उसने मंदिर बना दिया।
धीरे-धीरे वह शांत हुए और उन्होंने कहा कि अभिमन्यु भाई मैं आपको अपना मानता था आपने मेरी बाउंड्री के किनारे जो मिट्टी निकाली जा रही है उसे रोकने के लिए कोई बात नहीं की । अब आपकी उम्र बढ़ गई है आप इस नदी के काम में मत लिखिए शांति से रहिए।

मैंने कहा कि नगर पालिका सरकारी काम है और हमें यह महसूस हुआ कि आपकी समिति से हो रहा है।
खैर मैंने कहा की नदी का पुनर्जीवन चित्रकूट की अनमोल जल धरोहरों के समाप्त होते शरीर को बचाना उनके अस्तित्व को पुनर्जीवित करने का काम यह मेरे जीवन का मिशन है जिसे मैं छोड़ नहीं सकता। मेरा किसी से व्यक्तिगत विरोध नहीं है मेरा यदि कहीं विरोध है तो नदी के अस्तित्व को मारने वाले लोगों से है। वह भी वैचारिक विरोध है नैतिक विरोध है और संवैधानिक विरोध है।
नदी घाट में अद्भुत नदी संवाद को देखने वाले नदी घाट निर्माण के ठेकेदार और उनकी टीम तथा मजदूर थे उन्होंने इन संवादों को सुना। इस संवाद के समाप्त होने के कुछ देर बाद धरना स्थल पर  जल प्रहरी Devendra Shrivastava  Habeeb Khan , Akhtar Faraz Prakhyat Atrouliya   के सात चित्रकूट जनपद के वरिष्ठ नागरिक श्री अमरनाथ सिंह ठेकेदार भी आए।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें